बिहार के करोड़ों वोटरों के लिए बड़ी राहत की खबर है। राज्य के 4 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं को अब पहचान पत्र या अन्य दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा निर्वाचन आयोग की नई व्यवस्था के तहत लागू की गई है। दरअसल, ईपिक कार्ड यानी वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी हो चुकी है। आयोग के अनुसार, जिन वोटरों के आधार नंबर पहले से ही वोटर लिस्ट से जुड़े हुए हैं, उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए अलग से कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।

क्या है नई व्यवस्था?
- जिन मतदाताओं के वोटर कार्ड पहले से आधार से लिंक हैं, वे सीधे वोटिंग कर सकेंगे।
- यह सुविधा वोटर वेरिफिकेशन और अपडेट ड्राइव (VVUD) के अंतर्गत दी जा रही है।
- जिनका आधार अब तक लिंक नहीं हुआ है, वे दस्तावेज दिखाकर प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
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कितना काम पूरा हो चुका है?
बिहार में अब तक लगभग 85% मतदाताओं का आधार वोटर कार्ड से लिंक हो चुका है। इसका लाभ यह है कि डुप्लीकेसी रुकेगी और मतदाता सूची अधिक सटीक होगी।
आयोग का उद्देश्य
इस पहल का मकसद पारदर्शी और सटीक मतदाता सूची तैयार करना है, जिससे चुनाव में फर्जी वोटिंग रोकी जा सके और सभी योग्य नागरिकों को बिना रुकावट वोट देने का अधिकार मिल सके।
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