बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में मतदान केंद्रों के युक्तिकरण (Rationalization of Polling Stations) को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें 10 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
इस कदम का उद्देश्य मतदाताओं की सुविधा सुनिश्चित करना, लंबी कतारों को कम करना और सुगम, पारदर्शी एवं सुरक्षित मतदान प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
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बैठक का उद्देश्य और आयोजन
यह बैठक निर्वाचन आयोग के निर्देश पर संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), जिला स्तरीय तकनीकी टीम, तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, आवागमन की सुविधा और पिछले चुनावों के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए युक्तिकरण प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

किन निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़े मतदान केंद्र?
10 विधानसभा क्षेत्रों—जैसे कि समस्तीपुर, मोहनपुर, उजियारपुर, हसनपुर, कल्याणपुर, रोसड़ा, दरभंगा, हायाघाट, कुशेश्वरस्थान और सिंघिया—में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है।
अब मतदाताओं को 300 मीटर से अधिक की दूरी तय नहीं करनी होगी।
प्रत्येक 1200-1500 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र निर्धारित किया गया है।
नए केंद्र स्कूल, सामुदायिक भवन और पंचायत भवनों में बनाए गए हैं।
मतदान केंद्रों के युक्तिकरण से क्या होगा फायदा?
- भीड़ प्रबंधन बेहतर होगा, जिससे मतदान शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रहेगा।
- महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को निकटतम केंद्रों पर सुविधा मिलेगी।
- नए केंद्रों से ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में भी मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।
तकनीकी समन्वय और सुरक्षा तैयारी
बैठक में ईवीएम प्रबंधन, CCTV निगरानी, सुरक्षा बल की तैनाती, और विकलांग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर सुविधा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि सभी BLO घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार की प्रक्रिया जल्द पूरी करें।
राजनीतिक दलों को भी दिया गया मौका
बैठक में मौजूद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी प्रस्तावित मतदान केंद्रों पर आपत्ति दर्ज करने और सुझाव देने का मौका दिया गया। आयोग ने कहा कि अंतिम सूची को तैयार करने से पहले जनता की राय और स्थानीय जरूरतों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।