पटना/कोलकाता – भारत बंद का असर मंगलवार सुबह से ही देश के कई हिस्सों में दिखने लगा, खासकर बिहार और पश्चिम बंगाल में। विभिन्न संगठनों और विपक्षी दलों की ओर से बुलाए गए इस बंद के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे कई इलाकों में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई और आम जनजीवन पर असर पड़ा।
बिहार में प्रदर्शन का व्यापक असर
राजधानी पटना, समस्तीपुर, दरभंगा, आरा और गया समेत कई जिलों में वामपंथी दलों और किसान संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया।
- बंद समर्थकों ने सड़कों और रेलवे ट्रैक पर धरना देकर यातायात रोका।
- कई जगहों पर ऑटो, बस और निजी वाहन नहीं चले, जिससे स्कूल-कॉलेज और दफ्तर जाने वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
- रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई, जिससे यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।

बंगाल में भी दिखा बंद का असर
कोलकाता, हावड़ा, मालदा और पुरुलिया जैसे इलाकों में वाम दलों और छात्र संगठनों ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
- सड़कों पर टायर जलाकर यातायात को अवरुद्ध किया गया।
- कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़पें भी हुईं।
- स्कूलों में उपस्थिति कम रही और कई निजी कार्यालयों ने वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी।
प्रशासन सतर्क, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बिहार और बंगाल के विभिन्न जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन और CCTV से निगरानी की जा रही है।
बंद की प्रमुख मांगें
- बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज
- किसानों के लंबित मुद्दों का समाधान
- श्रम कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध