बिहार विधानसभा चुनाव में वोटरों को लंबी लाइन से राहत – चुनाव आयोग के 18 पहल

Pratik Yadav

बिहार विधानसभा चुनाव में वोटरों को लंबी लाइन से राहत – चुनाव आयोग के 18 पहल

पटना: — आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (ECI) ने मतदाता सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय लागू किए हैं।
Also Read: Bihar Politics चिराग पासवान का ऐलान — “बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे”

मुख्य पहलें

  1. मतदाता-प्रतिबंधित बूथ (पोलिंग स्टेशन)
    • प्रत्येक पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या को 1,500 से घटाकर 1,200 कर दिया गया है
    • इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगभग 12,817 नए बूथ बनाए गए, जिससे कुल बूथों की संख्या बढ़कर 90,712 हुई
  2. विशेष तीव्र सुधार (SIR) अभियान
    • वर्तमान प्रक्रिया के तहत 95.9% से अधिक मतदाताओं की मतदाता-नामावली का सत्यापन हो चुका है (करीब 7.5 करोड़ मतदाता)
    • लगभग 41–42 लाख मतदाता अंतिम पते पर नहीं मिले—इसके चलते उनकी पहचान जांच की जा रही है
  3. दस्तावेज़–आधारित सत्यापन
    • जिन राज्यों में 2003 के वोटर डीटा में नाम नहीं होने वाले मतदाताओं के लिए अब कड़े दस्तावेज़–सत्यापन की आवश्यकता है, ताकि फर्जी नामों को हटाया जा सके
    • हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि आधार, वोटर ID, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ भी स्वीकारें जाएँ
  4. वोटर-केंद्रित पहलों और तकनीकी सुधार
    • ECI ने 18 पहलें शुरू की हैं—जिसमें मोबाइल फोन के डिपॉजिट स्टेशन, चुनाव प्रचार हेतु नए मानदंड, और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म ECINET की शुरुआत शामिल है
बिहार विधानसभा चुनाव में वोटरों को लंबी लाइन से राहत – चुनाव आयोग के 18 पहल

मतदाताओं को हो रही सुविधा

  • उपलब्ध बूथ: अब मतदाताओं को मतदान करने के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
  • नए बूथ: नए बूथ मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में स्थापित किए गए हैं, जिससे सुविधा में वृद्धि हुई ।
  • तकनीकी मदद: ECINET जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सुविधापूर्ण प्रबंधन से मतदाता-केंद्रित प्रक्रिया में तेजी आई है।

विवाद और चिंताएँ

  • विपक्ष ने SIR को कुछ वर्गों का भेदभाव बताकर “वोटबंदी” कहकर आलोचना की है
  • RJD ने सुप्रीम कोर्ट में यह चुनौती दी है, जबकि कांग्रेस ने लगभग 2 करोड़ प्रवासी मतदाताओं की चिंता जताई है
  • ECI ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया कानूनी और संवैधानिक है, और सभी विवादों के बावजूद सावधानीपूर्वक एवं पारदर्शी तरीके से लागू की जा रही है

Leave a Comment