पटना: बिहार ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पूरे देश को पीछे छोड़ते हुए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार के ड्रग्स एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (DVDMS) पोर्टल पर बिहार ने ग्यारहवें महीने लगातार पहले स्थान पर रहते हुए फ्री दवा आपूर्ति में नंबर-1 राज्य का दर्जा कायम रखा है।
बिहार को इस दौरान 82.13 अंक मिले, जबकि राजस्थान को 78.61 और पंजाब को 73.28 अंक मिले। यह आंकड़े सीधे तौर पर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और समर्पण को दर्शाते हैं।
2006 में हुई थी योजना की शुरुआत, आज मिलती हैं 600+ दवाएं
बिहार में मुफ्त दवा योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2006 को महज 47 आवश्यक दवाओं के साथ हुई थी। लेकिन समय के साथ इसमें भारी विस्तार हुआ है। आज बिहार के सरकारी अस्पतालों में 611 आवश्यक दवाएं, 20 विशेष दवाएं, और 132 मेडिकल उपकरण और कंज़्यूमेबल्स बिल्कुल मुफ्त दिए जा रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को मिला है जो प्राइवेट दवाओं के महंगे खर्च को नहीं उठा सकते।
Also Read | मुजफ्फरपुर में फर्जी NGO के नाम पर ₹8.33 करोड़ की साइबर ठगी, चार गिरफ्तार; कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
स्वास्थ्य सूचकांकों में जबरदस्त सुधार
राज्य सरकार की नीतियों का असर अब स्वास्थ्य सूचकांकों में साफ दिखने लगा है।
- मातृ मृत्यु दर (MMR): 2005 में 365 से घटकर अब 91 पर आ चुकी है।
- शिशु मृत्यु दर (IMR): अब केवल 27 है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है।
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर: अब 29 रह गई है, जो देश के कई राज्यों से बेहतर है।
- टीकाकरण कवरेज: 95% से ऊपर पहुंच चुका है।
आयुष्मान भारत में भी बिहार टॉप पर
राज्य सरकार की सक्रियता का असर आयुष्मान भारत योजना में भी देखने को मिला है। बिहार ने अब तक चार करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए हैं और इस मामले में वह देश में तीसरे स्थान पर है।
बिहार सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की नीति और फ्री मेडिसिन स्कीम का सीधा लाभ आम जनता को मिल रहा है। यह उपलब्धि न सिर्फ एक आंकड़ा है, बल्कि यह दर्शाता है कि एक सुनियोजित प्रयास से गरीबों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है।
Also Read | गोली लगते ही मेरी गोद में आ गिरा राहुल… DMCH नर्सिंग छात्र की पत्नी बोली- ‘मेरे बाप ने हत्या की’
आप इसी प्रकार की ताज़ा और भरोसेमंद बिहार संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Musrigharari पर दैनिक रूप से विजिट कर सकते हैं।