INDIA Bloc की SIR Protest March: AAP को जोड़ने की कोशिश, विपक्ष में दिखी एकता

Pratik Yadav

INDIA Bloc SIR Protest March AAP

नई दिल्ली, भारत के विपक्षी गठबंधन INDIA Bloc ने बिहार में Special Intensive Revision (SIR) के विरोध में 11 अगस्त को प्रस्तावित protest march में आम आदमी पार्टी (AAP) को शामिल करने की पहल की है। इस कदम के ज़रिए विपक्षी दल अपनी एकजुटता का सार्वजनिक संदेश देना चाहते हैं।

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Opposition MPs protest against the Bihar SIR in the Parliament premises during the ongoing Monsoon Session. (Inset: AAP supremo Arvind Kejriwal with ex-Delhi CM Atishi).Credit: PTI Photos

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियाँ मानती हैं कि AAP जैसी पार्टियाँ, जो वर्तमान में इस गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें SIR के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए रोकना ठीक नहीं होगा। इसलिए उन्हें मार्च में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

हालाँकि, AAP के नेता संजय सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी केवल SIR के मुद्दे पर ही विरोध में शामिल है — उन्हें लोकतंत्र को खतरे में डालने वाला कदम माना जा रहा है — लेकिन वे INDIA Bloc का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं।

इधर, त्रिपक्षीय सहयोग को और मजबूत करते हुए, TMC के अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी उन सभी दलों के साथ खड़ी रहेगी जो SIR के खिलाफ आवाज़ उठाएँगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, “If someone walks one step for us, we will also walk one step for them.”

वहीं, विपक्ष ने Parliament में SIR विरोध को और तेज़ करने की योजना बनाई है। एक रणनीतिक बैठक में यह तय हुआ कि बिहार के 65 लाख से ज़्यादा वोटर्स के नाम हटाए जाने की संभावित प्रक्रिया का व्यापक विरोध किया जाएगा, साथ ही अगले Vice President चुनाव पर भी चर्चा होगी।

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साथ ही, Rahul Gandhi ने संसद सत्र के बीच आयोजित एक dinner में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित कर उन्हें एकजुटता दिखाने हेतु प्रेरित किया। यह बैठक इस बात का सबूत थी कि SIR मुद्दा INDIA Bloc में एक समन्वित प्रतिक्रिया के लिए उत्प्रेरक बन रहा है

संक्षेप में, बिहार में SIR को लेकर विपक्षी पार्टियाँ AAP जैसे बाहरी दलों को जोड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बढ़ते नियंत्रण के खिलाफ एक मजबूत और सामूहिक प्रतिवाद खड़ा किया जा सके। इस मुद्दे ने ना सिर्फ राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक और घरेलू राजनीति में व्यापक चर्चा का कारण भी बना है।

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