समस्तीपुर:समस्तीपुर शहर में अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की समस्या का स्थायी समाधान अब तक प्रशासनिक सुस्ती के कारण संभव नहीं हो पाया है। प्रशासन समय-समय पर अभियान तो चलाता है, लेकिन वे केवल खानापूर्ति साबित होते हैं। जाम की स्थिति गंभीर होने पर ही कार्रवाई शुरू होती है और निगरानी की कमी से हालात फिर पुराने जैसे हो जाते हैं।
प्रमुख मार्गों पर कब्जा और पार्किंग की समस्या
शहर के मुख्य रास्तों और मोहल्लों में फुटपाथ और नालों पर दुकानदारों का कब्जा है। वहीं, सड़क किनारे अवैध पार्किंग ने भी जाम की समस्या को बढ़ा दिया है। हाल ही में नगर निगम कार्यालय, नगर थाना और थानेश्वर स्थान मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों में दुकानें फिर से सज गईं और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। यहां तक कि जिलाधिकारी आवास, SDO कार्यालय और समाहरणालय के सामने भी वाहन घंटों खड़े रहते हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।

SDO की बैठक, लेकिन नतीजा शून्य
6 जून को सदर SDO दिलीप कुमार ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम निर्देश दिए थे—
- अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने
- सड़कों पर बेवजह वाहन खड़ा न करने
- प्रमुख चौराहों को व्यवस्थित करने
- सड़क हादसों को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने
- क्विक रिस्पांस टीम (QRT) का गठन करने
हालांकि, बैठक के 19 दिन बीत जाने के बाद भी इन निर्देशों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
निगम और ट्रैफिक पुलिस की भूमिका
नगर आयुक्त केडी प्रज्ज्वल ने कहा कि निगम की बैठक के बाद समन्वय बनाकर जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा। अब तक क्विक रिस्पांस टीम का गठन नहीं हो सका है। ट्रैफिक पुलिस को यह सुनिश्चित करने का जिम्मा दिया गया था कि अतिक्रमण हटने के बाद दोबारा न हो। साथ ही, दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर जुर्माना, सामान जब्ती और कड़ी कार्रवाई की बात भी हुई थी, ताकि अतिक्रमणकारियों में डर पैदा हो सके।
लेकिन फिलहाल, ये सारी बातें अब भी कागजों में ही सिमटी हैं और शहरवासियों को जाम व अतिक्रमण की समस्या से राहत नहीं मिल पाई है।