अब नहीं मिलेगा मामूली मानदेय, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में आया भारी उछाल, Anganwadi Employees DA Hike

Anganwadi Employees DA Hike

Anganwadi Employees DA Hike: गुजरात हाई कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि अब उन्हें सिर्फ मानदेय नहीं बल्कि न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन दिया जाना चाहिए। इस आदेश से राज्यभर की हजारों महिलाओं को राहत मिलेगी, जो अब तक बेहद कम वेतन पर काम कर रही थीं। यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और कर्मचारियों को बकाया वेतन भी मिलेगा।

न्यूनतम वेतन में रिकॉर्ड वृद्धि

गुजरात हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को उनके काम के अनुसार सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। नए आदेश के अनुसार, कार्यकर्ताओं का वेतन ₹10,000 से बढ़ाकर ₹24,800 कर दिया गया है, वहीं सहायिकाओं का मानदेय ₹5,500 से बढ़ाकर ₹20,300 होगा। अदालत ने यह भी साफ कहा कि किसी भी स्थिति में इससे कम भुगतान नहीं किया जाएगा।

जिम्मेदारियों के अनुरूप फैसला

अदालत ने माना कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां सिर्फ बच्चों तक सीमित नहीं हैं। वे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाती हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तक बहुत कम मानदेय दिया जाता था, जो उनके मेहनत और योगदान के साथ न्यायसंगत नहीं था। अदालत ने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और गरिमा का अधिकार) का उल्लंघन बताया।

1 अप्रैल 2025 से लागू होगा आदेश

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह नया वेतनमान वित्तीय वर्ष 2025–26 से लागू होगा। यानी, 1 अप्रैल 2025 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। इसके साथ ही, सरकार को उन्हें पिछले महीनों का एरियर भी देना होगा। अनुमान है कि इस आदेश से लगभग एक लाख आंगनबाड़ी कर्मचारी सीधे लाभान्वित होंगे।

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जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद

बढ़े हुए वेतन से आंगनबाड़ी कर्मचारियों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। पहले उन्हें जो मानदेय दिया जाता था, वह उनकी मेहनत और जिम्मेदारियों के मुकाबले बेहद कम था। अब बढ़ा हुआ वेतन उन्हें और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा, बुनियादी जरूरतें पूरी करने और बेहतर जीवन जीने में मदद करेगा। अदालत ने इसे कर्मचारियों की गरिमा के साथ न्याय बताया।

सभी कर्मचारियों पर लागू होगा आदेश

यह फैसला सिर्फ याचिका दायर करने वाले कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं पर लागू होगा। साथ ही, भविष्य में यदि केंद्र या राज्य सरकार वेतनमान में कोई संशोधन करती है, तो यह आदेश भी उसके अनुसार अपडेट होगा। इसका सीधा फायदा आने वाले वर्षों में लाखों कर्मचारियों को मिलेगा।

निष्कर्ष

गुजरात हाई कोर्ट का यह फैसला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए एक ऐतिहासिक जीत है। लंबे समय से अपने अधिकारों और सम्मानजनक वेतन की मांग कर रही महिलाओं को आखिरकार न्याय मिला है। अब उनके परिवारों की स्थिति सुधरेगी और उन्हें अपने काम के अनुरूप वेतन मिलेगा।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां उपलब्ध स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। किसी भी प्रकार का वित्तीय, कानूनी या सरकारी निर्णय लेने से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक नोटिफिकेशन जरूर देखें।

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