अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA में भूचाल लाने वाली खबर सामने आई है। ट्रंप प्रशासन ने 2026 के बजट में बड़ी कटौती करते हुए NASA के लिए आवंटित फंड में 25% तक की कटौती कर दी है। इस फैसले के बाद NASA में काम कर रहे लगभग 2,000 से अधिक वरिष्ठ कर्मचारियों की छुट्टी की तैयारी शुरू हो गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रंप सरकार की इस नई नीति के तहत इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट, बायआउट या स्वैच्छिक इस्तीफे (Voluntary Resignation) का विकल्प दिया गया है। इस फैसले से वैज्ञानिक समुदाय और अमेरिका की स्पेस लीडरशिप को गहरा झटका लगा है।

कौन-कौन हो सकते हैं प्रभावित?
NASA में वरिष्ठ स्तर (GS-13 से GS-15) के लगभग 2,145 कर्मचारियों पर यह निर्णय प्रभाव डालेगा। इनमें वैज्ञानिक, इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर और सपोर्टिंग स्टाफ शामिल हैं।
NASA प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि यह बदलाव अनिवार्य नहीं है, लेकिन संस्थान को सीमित बजट में अपने संसाधनों का पुनर्गठन करना पड़ेगा।
क्यों की गई इतनी बड़ी कटौती?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि बजट नियंत्रण और फेडरल खर्च में कटौती जरूरी है।
- कई छोटे-बड़े मिशन जैसे Artemis, Mars Program और Earth Observation प्रोजेक्ट अब धीमे पड़ सकते हैं।
- अमेरिका की स्पेस एजेंसी को प्रतिद्वंद्वी देशों – खासकर चीन से मुकाबले के लिए सीमित संसाधनों में काम करना होगा।
क्या हो सकता है असर?
क्षेत्र | संभावित प्रभाव |
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अंतरिक्ष मिशन | देरी, स्थगन या रद्दीकरण |
विज्ञान और रिसर्च | प्रतिभा का पलायन, धीमा विकास |
अंतरराष्ट्रीय छवि | स्पेस रेस में अमेरिका पिछड़ेगा |
🇺🇸 कांग्रेस और वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने विरोध दर्ज किया है। वहीं NASA से जुड़े पूर्व वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने भी चेताया है कि “अगर यह कटौती लागू हुई, तो अमेरिका का भविष्य अंतरिक्ष में चुनौतीपूर्ण हो सकता है।”