पटना: – बिहार की राजनीति में उस समय बड़ा मोड़ आ गया जब एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोतिहारी की रैली में बिहार के विकास कार्यों का शिलान्यास कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
लालू यादव ने अपने खिलाफ चल रहे चारा घोटाले के मामलों को लेकर एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने राहत की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कोई भी सुनवाई करने से इंकार कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि:
“इस याचिका में ऐसा कुछ नहीं है जिस पर कोर्ट दखल दे। पहले ही हाईकोर्ट द्वारा दी गई प्रक्रिया का पालन किया जा चुका है।”
यह फैसला लालू यादव और राजद खेमे के लिए बड़ा कानूनी और राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
पीएम मोदी की मोतिहारी रैली बनी सुर्खियों में
इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी की जनसभा में 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 2025 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए विपक्ष पर तीखे हमले बोले।
उन्होंने अपने भाषण में लालू-नीतीश सरकार के पुराने कार्यकाल पर भी निशाना साधा और कहा:
“बिहार में अब गुंडागर्दी नहीं, विकास की बात होती है। हमने काम किया है, और जनता देख रही है।”
दो मोर्चों पर सियासी हलचल
एक तरफ़ भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के दम पर 2025 की चुनावी तैयारी में जुटी है, वहीं लालू यादव के लिए अदालत से झटका और तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए सवालों ने विपक्ष की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजद की छवि को नुकसान हो सकता है, खासकर तब जब लालू यादव की साफ-सुथरी छवि दिखाने की कोशिशें हो रही थीं।