पूर्वांचल एक्सप्रेस में रात के 3 बजे यात्रियों से लूटपाट, 25 मिनट रुकी रही ट्रेन, लेकिन नहीं पहुंचे सुरक्षाकर्मी

Pratik Yadav

समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर चलती पूर्वांचल एक्सप्रेस में यात्रियों के साथ जो कुछ हुआ, उसने एक बार फिर रेल यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेन की चेन पुलिंग कर कुछ बदमाशों ने जबरन डिब्बे में घुसकर यात्रियों से लूटपाट की और मौके से फरार हो गए। हैरानी की बात यह रही कि घटना के करीब 25 मिनट बाद तक कोई भी सुरक्षा कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा।

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घटना कहां और कैसे हुई?

यह घटना बीती रात लगभग 11 बजे के आस-पास समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर की ओर जा रही पूर्वांचल एक्सप्रेस में हुई। जैसे ही ट्रेन एक सुनसान इलाके में पहुंची, कुछ अज्ञात बदमाशों ने ट्रेन की चेन खींचकर उसे रोक दिया। इसके बाद उन्होंने एक सामान्य बोगी में घुसकर यात्रियों को हथियार दिखाकर नकदी, मोबाइल और गहने लूट लिए।

लूटपाट के दौरान यात्रियों में दहशत

घटना के दौरान यात्री बुरी तरह डर गए। कई यात्रियों ने मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन आसपास सुनसान इलाका होने की वजह से कोई जवाब नहीं मिला। ट्रेन लगभग 25 मिनट तक रुकी रही, लेकिन इस दौरान कोई सुरक्षा बल मौके पर नहीं आया।

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रेल सुरक्षा पर उठे सवाल

इस वारदात ने रेल प्रशासन और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन में कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था और न ही घटना के बाद तेजी से कोई कार्रवाई हुई।

यात्रियों का गुस्सा

लूटपाट के शिकार एक यात्री ने बताया, “हमने कई बार चिल्लाया, हेल्प की गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इतने बड़े नेटवर्क में भी अगर सुरक्षा नहीं है, तो आम आदमी कैसे सफर करे?” जांच की मांग

घटना के बाद यात्रियों ने ट्रेन में मौजूद टीटीई और स्टाफ से शिकायत की। स्टेशन पहुंचने के बाद रेल पुलिस को जानकारी दी गई। रेलवे अधिकारियों ने मामले की जांच का भरोसा दिया है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


क्या कहना है रेलवे प्रशासन का?

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ट्रेन की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त प्रबंध किए जाने की बात भी कही गई है।


क्या है समाधान?

  • हर लंबी दूरी की ट्रेन में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएं।
  • चेन पुलिंग जैसे मामलों में तुरंत प्रतिक्रिया देने वाली टीम हो।
  • रेलवे स्टेशनों के आसपास के इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
  • यात्रियों को रेलवे हेल्पलाइन से त्वरित मदद मिले, इसकी निगरानी की जाए।

निष्कर्ष:
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि रेल में यात्रा करना अब भी खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि यात्रियों का भरोसा बहाल हो सके और भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।

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