भारत में नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू करना अक्सर बड़ा रिस्क माना जाता है। आर्थिक असुरक्षा और मासिक खर्चों की चिंता युवाओं को स्टार्टअप की ओर बढ़ने से रोकती है। लेकिन अब कर्नाटक सरकार ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। नए उद्यमियों को हर महीने ₹25,000 की सहायता मिलेगी, जिससे वे अपने बिजनेस आइडिया पर फोकस कर सकेंगे। यह योजना नौकरीपेशा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और राज्य में स्टार्टअप कल्चर को मजबूत करने की ओर बड़ा बदलाव साबित हो सकती है।
राजीव गांधी उद्यमिता कार्यक्रम की शुरुआत
कर्नाटक सरकार ने इस स्कीम का नाम “राजीव गांधी उद्यमिता कार्यक्रम” रखा है। इसे 2024-25 के बजट में शामिल किया गया था और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तथा आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने इसे युवाओं के लिए गेम चेंजर बताया है। इस कार्यक्रम का मकसद है युवाओं को जोखिम उठाने की हिम्मत देना, ताकि वे नौकरी छोड़कर उद्यमिता की राह चुन सकें। सरकार चाहती है कि राज्य में अधिक से अधिक स्टार्टअप जन्म लें और कर्नाटक को स्टार्टअप हब बनाया जा सके।
योजना का लाभ पाने की आवश्यक शर्तें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें जरूरी हैं। सबसे पहले आवेदक को अपनी मौजूदा नौकरी छोड़नी होगी। साथ ही उसका बैकग्राउंड विज्ञान या इंजीनियरिंग से जुड़ा होना चाहिए। स्टार्टअप आइडिया पूरी तरह इनोवेटिव और प्रैक्टिकल होना चाहिए। इसके बाद राज्य की स्क्रिनिंग कमेटी उस आइडिया को मंजूरी देगी। चयनित स्टार्टअप्स को K-Tech इनोवेशन हब से जोड़ा जाएगा, जहाँ उन्हें तकनीकी मदद और गाइडेंस दी जाएगी। यह प्रोसेस सुनिश्चित करेगा कि केवल असली और मजबूत आइडिया ही सपोर्ट पाए।
मेंटॉरशिप और गाइडेंस का पूरा साथ
यह योजना केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। कर्नाटक सरकार ने इसमें युवाओं के लिए विशेषज्ञों से मेंटॉरशिप और गाइडेंस की भी व्यवस्था की है। K-Tech इनोवेशन हब के जरिए नए उद्यमियों को बिजनेस मॉडल तैयार करने, उसे सुधारने और सही दिशा में निर्णय लेने का सहयोग मिलेगा। स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए यह गाइडेंस बेहद मूल्यवान होगा क्योंकि शुरुआती समय में सही रणनीति से ही सफलता मिलती है। इस तरह यह योजना युवाओं को आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से मजबूत करेगी।
एलिवेट प्रोग्राम से जुड़ने का अवसर
कर्नाटक सरकार पहले से ही “Elevate Program” चला रही है। इसमें चुने गए स्टार्टअप्स को सरकार पहला ग्राहक बनकर मदद करती है। अब इस नई योजना से जुड़े युवाओं को भी यही फायदा मिलेगा। शुरुआती चरण में स्टार्टअप्स को क्लाइंट ढूंढने में सबसे ज्यादा दिक्कत आती है, लेकिन सरकार के पहले ग्राहक बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। इससे युवाओं को आत्मविश्वास मिलेगा और उनका बिजनेस तेजी से ग्रो करेगा। सरकार का यह कदम वाकई एक मजबूत आधार देने वाला है।
₹25,000 की मदद का असली महत्व
कई लोग सोच सकते हैं कि ₹25,000 की राशि बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन इसका असली उद्देश्य अलग है। यह राशि युवाओं के घरेलू खर्चों और बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जाएगी। जब रोज़मर्रा की परेशानियाँ दूर होंगी तो स्टार्टअप फाउंडर्स पूरी तरह अपने बिजनेस पर फोकस कर पाएंगे। यह रकम उनके लिए सुरक्षा कवच की तरह होगी। मंत्री प्रियांक खड़गे का कहना है कि यह सहायता युवाओं को जोखिम उठाने का साहस देगी और यही उन्हें बड़ी सफलता तक पहुँचाएगी।
नौकरी छोड़कर सपनों की ओर बढ़ें
इस योजना से युवाओं को नौकरी छोड़कर बिजनेस करने का डर कम हो जाएगा। अगर किसी के पास कोई यूनिक और प्रैक्टिकल आइडिया है तो यह समय उनके लिए गोल्डन चांस है। सरकार की ओर से मिलने वाली यह मदद सिर्फ आर्थिक सहारा नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की प्रेरणा है। इससे आने वाले समय में कई नए स्टार्टअप्स जन्म लेंगे। यह कदम भारत में उद्यमिता को नई ऊँचाई देगा और युवाओं के सपनों को हकीकत बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई योजना की पात्रता, शर्तें और प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी के लिए कृपया कर्नाटक सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें।