भारत सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने और देशी दुधारू नस्लों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए हर साल राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Award) देती है। यह पुरस्कार राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य देशी नस्लों का संरक्षण और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। साल 2025 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर 2025 तय की गई है, जबकि पुरस्कार वितरण 26 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली में होगा।
किन श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार?
गोपाल रत्न पुरस्कार तीन मुख्य श्रेणियों में दिया जाता है। पहली श्रेणी उन किसानों के लिए है, जो देशी गाय और भैंसों का पालन कर रहे हैं। दूसरी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT) शामिल हैं, जो गांव स्तर पर पशुओं की नस्ल सुधार में योगदान दे रहे हैं। तीसरी श्रेणी में सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक कंपनियां और FPOs आती हैं, जो बड़े स्तर पर दूध उत्पादन और वितरण कर रही हैं।
कौन किसान कर सकते हैं आवेदन?
इस पुरस्कार के लिए वही किसान आवेदन कर सकते हैं, जो 53 प्रमाणित देशी गाय नस्लों या 20 प्रमाणित देशी भैंस नस्लों में से किसी का पालन कर रहे हों। किसानों को यह साबित करना होगा कि वे लंबे समय से इन नस्लों की देखभाल और उत्पादकता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। ऐसे किसान जो स्थानीय नस्लों के संरक्षण में सक्रिय हैं, उनके लिए यह पुरस्कार एक बड़ा सम्मान और अवसर साबित हो सकता है।
तकनीशियन के लिए पात्रता
गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले AI तकनीशियन को कम से कम 90 दिन का प्रशिक्षण पूरा करना आवश्यक है। केवल वही तकनीशियन पात्र होंगे जो ग्राम स्तर पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और कृत्रिम गर्भाधान के जरिए पशुओं की नस्ल सुधार में योगदान दे रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य तकनीशियनों को 100% AI कवरेज के लिए प्रेरित करना और उनके कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करना है।
सहकारी समितियां और FPOs के लिए पात्रता
दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में काम कर रही सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक कंपनियां और FPOs भी इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकती हैं। पात्रता शर्तों के अनुसार, इनके पास प्रतिदिन कम से कम 100 लीटर दूध उत्पादन होना चाहिए और संगठन से कम से कम 50 किसान सदस्य जुड़े होने चाहिए। इसका उद्देश्य डेयरी सेक्टर में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है, ताकि किसान मिलकर बेहतर उत्पादन कर सकें।
कितनी होगी इनामी राशि?
गोपाल रत्न पुरस्कार के विजेताओं को आकर्षक नकद राशि भी प्रदान की जाएगी। प्रथम पुरस्कार के विजेता को ₹5,00,000, द्वितीय पुरस्कार को ₹3,00,000 और तृतीय पुरस्कार को ₹2,00,000 की राशि दी जाएगी। यह सम्मान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा। नकद राशि के साथ यह पुरस्कार किसानों और संगठनों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
पुरस्कार का उद्देश्य
इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य देशी दुधारू नस्लों का संरक्षण करना और उनकी उत्पादकता को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह योजना तकनीशियनों को कृत्रिम गर्भाधान (AI) तकनीक अपनाने और किसानों को आधुनिक पद्धतियों से जोड़ने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही, यह दुग्ध उत्पादक कंपनियों और FPOs के बीच प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा देती है। इससे भारत में डेयरी उद्योग और भी मजबूत होगा।
निष्कर्ष
National Gopal Ratna Award 2025 किसानों, तकनीशियनों और सहकारी समितियों के लिए एक शानदार अवसर है। यह पुरस्कार न केवल उनकी मेहनत और योगदान को सम्मान देता है, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने में भी मदद करता है। अगर आप पात्र हैं तो 15 सितम्बर 2025 से पहले आवेदन जरूर कर दें, ताकि आप इस प्रतिष्ठित सम्मान का हिस्सा बन सकें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी स्रोतों और घोषणाओं पर आधारित है। योजनाओं की शर्तें, पात्रता और पुरस्कार राशि समय-समय पर बदल सकती हैं। किसी भी आवेदन या योजना से संबंधित सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें।