‘बीएलओ को गांव में घुसने न दें’, पप्पू यादव ने वोटर रिवीजन बहिष्कार की अपील

पटना : पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) का जोरदार विरोध करते हुए ग्रामीणों को बीएलओ या किसी चुनावकर्मी को गांव में प्रवेश न देने की अपील की है। उन्होंने इसे जनसंख्या के गरीब और युवाओं को मतदान से वंचित करने की साजिश बताया है।

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पप्पू यादव का खुला चुनौती:

  • उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि “बिहार के आम लोग, युवा, दलित और अति–पिछड़े वर्ग के लोगों से अनुरोध है – अपने गांव में कोई भी चुनावकर्मी या बीएलओ भीतर न आने दें। अगर जबरदस्ती आ जाए तो चाय–पानी कराकर विदा कर दें, लेकिन कोई कागज़ या जानकारी न दें।”
  • साथ ही उन्होंने चेताया कि चुनाव आयोग ने अगर वोटर रिवीजन रोक नहीं तो “महायुद्ध छेड़ देंगे” क्योंकि “चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, लेकिन जनता सर्वोपरि है।”

आरोपः गरीबों का अधिकार छीना जा रहा है

पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि यह रिवीजन अभियान गरीबों और युवाओं को वोटर लिस्ट से बाहर करने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि:

“गरीबों के पास जन्म तिथि के प्रमाण नहीं होते, बर्थ सर्टिफिकेट होता ही नहीं, ऐसे में घर-घर जाकर नाम हटाए जा रहे हैं।”

विपक्ष और राजनीतिक पर्यावरण:

  • राजद, कांग्रेस, सपा और लेफ्ट सहित कुल 11 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के सामने मतदाता पुनरीक्षण पर आपत्ति दर्ज की है, यह कहते हुए कि मॉनसून में यह काम चलाना गैर-जिम्मेदाराना है और इससे संकटग्रस्त क्षेत्रों के वोटर्स का अधिकार खत्म हो सकता है।
  • इनका तर्क है कि 22 साल बाद किया जा रहा यह रिवीजन ‘भयंकर समय’ पर हो रहा है, और इसमें महज 25 दिनों का वक्त दिया गया है – इससे लगभग 5 करोड़ वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं।
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