केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रक्सौल–हल्दिया छह‑लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का मार्ग (alignment) मंजूर कर लिया है। इस कॉरिडोर से न सिर्फ बिहार, बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल को भी मिलेंगे बड़े आर्थिक और सामाजिक फायदे।
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मार्ग और लंबाई
- कुल लंबाई: लगभग 585 किमी (कुछ रिपोर्ट में 650 किमी तक)
- बिहार के 11 जिलों से होकर गुजेगा:
मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका और मुंगेर - 3 राज्यों — बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल — को जोड़ेगा, साथ ही नेपाल-भारत सीमा तक पहुंचेगा

समय और लागत
- यात्रा समय:
- पुराना मार्ग (GT रोड): 19–20 घंटे
- नए एक्सप्रेस-वे से: केवल 10–11 घंटे
- निर्माण लागत: ₹39,000–₹54,000 करोड़ (कुछ रिपोर्ट्स में ₹39,600 करोड़ की घोषणा भी)
- गिट साल तक पूरा: लक्ष्य 2028
मुख्य संरचनाएँ
- 27 बड़े और 201 छोटे पुल बनाए जाएंगे
- 4.5 किमी का गंगा पार पुल बेगूसराय–सूर्यगढ़ा के बीच
- एक्सेस‑कंट्रोल्ड हाईवे, 51 इंटरचेंज डिजाइन किए गए हैं
लाभ और प्रभाव
क्षेत्र | लाभ |
---|---|
ट्रेड | भारत-नेपाल, बिहार-ज.झारखंड-प.बंगाल के बीच व्यापार में वृद्धि होगी |
लॉजिस्टिक्स | पटना, कोलकाता, हaldia port तक गति और पहुंच बढ़ेगी |
रोजगार | निर्माण कार्य से स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियाँ |
आर्थिक विकास | समस्तीपुर जैसे जिलों में औद्योगिक व कृषि व्यापार को रफ्तार |
सुरक्षा | एक्सेस-कंट्रोल्ड डिजाइन से सड़क दुर्घटनाओं में कमी |
सुविधा | मरीजों, यात्रियों के लिए त्वरित आवाजाही, अस्पताल आदि तक पहुंच |
क्या हुआ अब तक?
- DPR मंजूर: दिसंबर 2022
- मार्ग-रेखा (alignment): जून–जुलाई 2025 में पूरी हुई
- भू-अर्जन शुरू: बिहार के मुख्य सचिव की निगरानी में
- टेंडर प्रक्रिया: NHAI द्वारा शीघ्र शुरू की जाएगी