नई दिल्ली : अब आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AePS) के ज़रिए अंगूठा लगाकर पैसे निकालना पहले जैसा आसान नहीं रहेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इस प्रणाली में कड़े बदलाव किए हैं।
क्यों लिया गया ये फैसला?
हाल के महीनों में बायोमेट्रिक डेटा की चोरी और अंगूठा लगाकर ठगी की कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे मामलों पर लगाम कसने के लिए RBI ने AePS के तहत पैसे निकालने के नियमों में नई सुरक्षा परतें जोड़ने का फैसला किया है।
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अब क्या बदल जाएगा?
- अब केवल अधिकृत बैंक एजेंट या माइक्रो एटीएम ऑपरेटर ही AePS लेनदेन कर सकेंगे।
- ग्राहक को अब फिजिकल पहचान सत्यापन (जैसे OTP या अतिरिक्त दस्तावेज़) की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है।
- ट्रांजैक्शन सीमा को घटाया जा सकता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
- RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बायोमेट्रिक डिवाइस का सर्टिफिकेशन सुनिश्चित करें।
ग्रामीण इलाकों पर सीधा असर
AePS का उपयोग सबसे अधिक ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में होता है, जहां ATM और बैंक ब्रांच की सुविधा सीमित है। RBI का यह कदम वहां रहने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षा तो बढ़ाएगा, लेकिन लेनदेन की प्रक्रिया थोड़ी लंबी और सख्त हो जाएगी।
फर्जीवाड़ा रोकने की कोशिश
RBI ने कहा है कि यह फैसला ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे उन एजेंटों और दलालों पर लगाम लगेगी, जो फर्जी अंगूठे या स्कैन किए गए फिंगरप्रिंट से पैसे निकाल लेते थे।