स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की हाल ही में आयोजित परीक्षाओं में इस बार अभ्यर्थियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसका मुख्य कारण SSC Vendor Failure, Vendor बदलना माना जा रहा है। पहले टीसीएस (TCS) कंपनी यह जिम्मेदारी निभा रही थी, लेकिन इस बार Eduquity को वेंडर बनाया गया। नए वेंडर की तकनीकी और प्रबंधन संबंधी कमजोरियों के चलते परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह प्रभावित हो गई है।

सोशल मीडिया पर #SSCVendorFailure ट्रेंड कर रहा है। हजारों अभ्यर्थियों ने ट्विटर, फेसबुक और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म पर अपनी समस्याएं साझा करते हुए एसएससी से कार्रवाई की मांग की है। कई परीक्षार्थियों ने शिकायत की कि परीक्षा केंद्रों पर सर्वर बार-बार डाउन हो रहा था, जिससे परीक्षा बीच में रुक रही थी। कुछ छात्रों को अचानक लॉगआउट की समस्या आई, तो कुछ को इंटरफेस समझने में कठिनाई हुई।
नए इंटरफेस को लेकर भी छात्रों में नाराज़गी है। पुराने टीसीएस इंटरफेस के अभ्यस्त अभ्यर्थी नए प्लेटफॉर्म को समझने में समय बर्बाद कर रहे थे, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। कई अभ्यर्थियों का कहना है कि Eduquity ने बिना पर्याप्त टेस्टिंग और ट्रायल के परीक्षा शुरू कर दी, जिसके कारण तकनीकी खामियां सामने आईं।
इसके अलावा, एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में भी अभ्यर्थियों को परेशानी झेलनी पड़ी। कई छात्रों को समय पर एडमिट कार्ड नहीं मिल पाया। परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लेकर भी विवाद गहराया है। छात्रों का आरोप है कि प्रश्नपत्र का स्तर असामान्य रूप से आसान था, जिससे कटऑफ असामान्य रूप से ऊंचा जा सकता है। इससे मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों को नुकसान होने की आशंका है।
परीक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि वेंडर बदलने से पहले आयोग को तकनीकी जांच और सिस्टम ट्रायल करना चाहिए था। अचानक बदलाव से न केवल अभ्यर्थियों की मेहनत पर असर पड़ा है, बल्कि परीक्षा की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
कई राज्यों से रिपोर्ट आई हैं कि कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद्द करनी पड़ी, जबकि कुछ छात्रों को बिना परीक्षा दिए लौटना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभ्यर्थियों ने एसएससी से पुन: परीक्षा कराने की मांग की है।
अब तक एसएससी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन बढ़ते विरोध को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि आयोग जल्द ही इस मामले पर स्पष्टीकरण देगा। यदि छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो विरोध और तेज हो सकता है।
Eduquity का विवादित इतिहास
Eduquity पहले भी कई बार विवादों में रहा है। विशेष रूप से निम्नलिखित परीक्षाओं में इस पर पेपर लीक और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे थे –
- Madhya Pradesh TET (2022): पेपर लीक और परीक्षा में धांधली के आरोप।
- Patwari Recruitment Exam (2023): तकनीकी गड़बड़ियों और प्रश्नपत्र सुरक्षा को लेकर विवाद।
- MBA CET Maharashtra (2023): परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी और पेपर लीक की घटनाओं पर जांच।
इन विवादों के चलते Eduquity को कई बार अयोग्य घोषित किया गया और कुछ राज्यों में अल्पकालिक रूप से ब्लैक‑लिस्ट भी किया गया था।