समस्तीपुर: समस्तीपुर जिला अंतर्गत मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कोरबद्धा गांव (वार्ड संख्या-38) में शनिवार को हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए, जब पूर्व मंत्री रामश्रय सहनी के घर पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।
मामला एक नाबालिग लड़की के गायब होने और दुष्कर्म के आरोपों से जुड़ा हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि मंत्री के बेटे मुकेश सहनी और उनके ड्राइवर रघुवीर महतो ने गांव की एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाया और उसके साथ गलत काम किया।
मंत्री के बेटे और ड्राइवर के साथ मारपीट, घर पर हमला
ग्रामीणों ने मंत्री के बेटे मुकेश सहनी और ड्राइवर रघुवीर महतो को पकड़कर बुरी तरह पीटा। हालात बिगड़ने पर रामश्रय सहनी ने दोनों को कमरे में बंद कर जान बचाई और पुलिस को सूचना दी। भीड़ ने घर का गेट तोड़ने की कोशिश की और पुलिस की जीप पर भी हमला कर दिया, जिसमें जीप का शीशा टूट गया।पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लड़की थाने पहुंची
सूचना पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया, जबकि इस दौरान लड़की स्वयं थाने पहुंच गई, जिससे केस में नाटकीय मोड़ आया।
पुलिस ने लड़की से पूछताछ शुरू कर दी है, और परिजनों को भी थाने बुलाया गया है। पुलिस का कहना है कि बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, और पुलिस जीप पर हमले को लेकर भी अलग एफआईआर दर्ज होगी।
पूर्व मंत्री का बयान, पिता का पलटवार
पूर्व मंत्री रामश्रय सहनी ने इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बेटा दोषी पाया गया, तो वे कोई पैरवी नहीं करेंगे।
वहीं, पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री अपने बेटे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मामला अब कानूनी और सामाजिक दोनों मोर्चों पर गरमाया हुआ है।
रामश्रय सहनी 1995 से 2000 तक लालू यादव सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री रह चुके हैं
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