FIR दर्ज: पटना पुलिस का आरोप
- डिनेटेल: पटना पुलिस ने 23 जुलाई को जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर और उनके लगभग 300 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति, विधानसभा के प्रतिबंधित क्षेत्र में घेराव का प्रयास किया और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया। यह शिकायत सचिवालय थाने में मजिस्ट्रेट के बयान के आधार पर दर्ज की गई थी
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- स्थिति: पुलिस ने बैरिकेड्स तोड़े जाने के बाद लाठीचार्ज और पानी की बौछार का सहारा लिया। कई कार्यकर्ता घायल हुए, एक का सिर फटने तक की ख़बर आई है। किशोर स्वयं कुछ समय के लिए हिरासत में भी रहे और बाद में रिहा कर दिए गए

पुलिस–प्रशांत किशोर का रुख
- किशोर ने पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की, जैसे “ऐ इतना दम है, लाठी चलाओगे? हिम्मत है तो मुझ पर चलाओ, सामने खड़ा हूँ।” इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर जनता की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया
- पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका गया था; SSP ने स्पष्ट किया कि बैरिकेड्स तभी लगाए गए जब वह क्षेत्र विधि-विरुद्ध रूप से घेरा गया था
मुख्य मुद्दे और अगला रास्ता
- किशोर और उनकी पार्टी ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीन प्रमुख मुद्दे उठाए गए:
- गरीब परिवारों को 2 लाख रु. की आर्थिक मदद
- दलित भूमिहीन परिवारों को जमीन
- भूमि-सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार पर जवाब
उन्होंने कहा कि 7 दिनों में जवाब नहीं मिला तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: BJP ने इस अवसर को भी छेड़ते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के लोगो के नाम से पार्टी की सोशल मीडिया पेजें फर्जी तरीके से बनी थीं, और एक वाहन में शराब के बोतलें मिलीं — जिसे लेकर अधिकारियों ने जांच शुरू की